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प्रस्तुत रचना मैंने एक street-play ‘जागो जागो जागो’ के लिए लिखी थी l
खोजो खोजो खोजो रे
खोजो खोजो खोजो रे
धूम-धड़ाक जोर लगा
धूम-धड़ाक शोर मचा
घर में चोरी हो गयी रे
चीज़ काम की खो गयी रे
धूम-धड़ाक जोर लगा
धूम-धड़ाक शोर मचा
मेहनत से नाता टूट गया
हाथ की रेखा सो गयी रे
धूम-धड़ाक…
काली डायन रात में आई
सपने सब वो ढो गयी रे
धूम-धड़ाक…
खोजो-खोजो ढूंढ निकालो
भागादौड़ी हो गयी रे
घर में चोरी हो गयी रे
चीज़ काम की खो गयी रे
धूम-धड़ाक जोर लगा
धूम-धड़ाक शोर मचा